भारत का रियल एस्टेट सेक्टर 2025 तक GDP में 13% का योगदान देगा, जो देश की वृद्धि में अहम है। घर खरीदने की चाहत और अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से यह सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच, फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के 2025-26 के बजट में रियल एस्टेट से जुड़ी अहम घोषणाएं शामिल हो सकती हैं।
आगामी यूनियन बजट 2025-26 से घर खरीदारों की उम्मीदें
इस बार लोग सिर्फ सस्ते घर ही नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिरता के लिए भी ज्यादा छूट की उम्मीद कर रहे हैं। आगामी यूनियन बजट घोषणा से क्या उम्मीद की जा सकती है, इसके बारे में नीचे बताया गया है:
सेक्शन 80TTA और 80TTB के तहत कटौती
महंगाई, स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च और लाइफस्टाइल के खर्चों में बढ़ोतरी के कारण अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए अपनी पैसे की स्थिति को संभालना मुश्किल हो गया है। खासकर वे लोग जो फिक्स्ड-इनकम निवेश या किराए की कमाई पर निर्भर हैं, उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट इंट्रेस्ट और सेविंग्स पर टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाने की मांग की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी बजट में इस समस्या का समाधान किया जाएगा, ताकि वरिष्ठ नागरिकों की जिंदगी बेहतर हो सके।
सेक्शन 24 और सेक्शन 80C के तहत बढ़ा हुआ टैक्स लाभ
घर खरीदारों को उम्मीद है कि होम लोन पर भुगतान किये गए इंट्रेस्ट अमाउंट पर सेक्शन 24 (b) के तहत मिलने वाली टैक्स में छूट की लिमिट बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में छूट की राशि केवल 2 लाख रुपये है। आर्बर इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक तेजस पाटिल के अनुसार, "होम लोन के लिए टैक्स में छूट की लिमिट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने से रेसीडेंशियल प्रॉपर्टीज की मांग बढ़ सकती है, जिससे मिडिल इनकम सेगमेंट के लिए घर का मालिकाना हक अधिक किफायती हो जाएगा।"
रेपो रेट घटने की संभावना है, और सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की लिमिट बढ़ाने पर विचार हो सकता है। घर खरीदने वालों की उम्मीदों को देखते हुए, इसे बजट 2025-26 में शामिल किया जा सकता है।
किफायती हाउसिंग की कीमत में इजाफा
वर्तमान में, किफायती हाउसिंग को 45 लाख रुपये या उससे कम कीमत वाले घरों के रूप में माना जाता है। लेकिन, मुद्रास्फीति और बड़े शहरों में बढ़ती कीमतों को देखते हुए इस लिमिट को बदलने की आवश्यकता है। रियल एस्टेट पर भी असर पड़ा है, इसलिए लोगों को घर खरीदने में मदद करने के लिए किफायती हाउसिंग को और बढ़ाना जरूरी है।
इसके अतिरिक्त, इन किफायती हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के डेवलपर्स को टैक्स में छूट फिर से देने की आवश्यकता है क्योंकि इससे अर्बन हाउसिंग मार्केट पर दबाव कम होने की उम्मीद है। सेक्शन 80IBA के तहत उपलब्ध ये छूटें सरकार को उनके 'सभी के लिए घर' लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए खास घर बनाए जाएंगे, जिन्हें टैक्स में छूट मिलेगी। इससे किराए के घर, छात्रावास आदि बनाने में मदद मिलेगी।
पिछले फाइनेंसियल ईयर में जो कुछ चिंताएं बजट 2025-26 में एक बार फिर से उभरने की उम्मीद है। किफायती घर खरीदने पर बढ़ते फोकस से लेकर होम लोन और फिक्स्ड डिपॉजिट के इंट्रेस्ट रेट्स पर अधिक टैक्स में छूट तक, आगामी बजट घोषणा से काफी उम्मीदें हैं।
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